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राज्य के सरकारी विद्यालयों में स्थापित आईसीटी (इनफॉर्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी) लैब में हर दिन छात्र-छात्राओं की पढ़ाई होगी। इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने सभी जिलों को निर्देश दिया है। सभी आईसीटी लैब को संचालित करने के लिए विज्ञान शिक्षकों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।

निर्देश के मुताबिक, प्रारंभिक विद्यालयों के आईसीटी लैब की कक्षा में प्रतिदिन कम से कम 50 विद्यार्थी शामिल होंगे। दूसरी ओर, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के आईसीटी लैब में चलने वाली कक्षा में प्रतिदिन कम से कम 100 छात्र-छात्रा बैठेंगे।

छात्र-छात्राओं की प्रगति का होगा साप्ताहिक मूल्यांकन

अपर मुख्य सचिव के निर्देश के मुताबिक आईसीटी लैब में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की प्रगति का प्रत्येक मंगलवार को साप्ताहिक मूल्यांकन किया जाएगा। आईसीटी लैब वाले सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि छात्र-छात्राओं के बीच लैब में पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करें।

दरअसल, विभाग के निरीक्षी पदाधिकारियों ने विद्यालयों के निरीक्षण के क्रम में पाया है कि ज्यादातर सरकारी विद्यालयों में स्थापित आईसीटी लैब का उपयोग नहीं हो रहा है। अधिकांश जिलों के ज्यादातर विद्यालयों के रुटीन में भी आईसीटी लैब को शामिल नहीं किया गया है।

निरीक्षी अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश जिलों को दिया है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारियों से यह पूछा गया है कि आईसीटी लैब में विद्यार्थियों की होने वाली गतिविधि को रुटीन में क्यों नहीं शामिल किया गया है, इसे रुटीन में शामिल कराएं।