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देश के अंदर पिछले कुछ दिनों ने विपक्षी दलों के नेता यह कहते नजर आ रहे हैं कि भाजपा संविधान बदलने में लगी हुई है। यदि भाजपा इस दफे सत्ता में आती है तो वह संविधान बदल देगी। इसके बाद अब इस पूरे मामले में देश के गृहमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने खुलकर जवाब दिया है। शाह ने कहा कि न तो संविधान बदल रहा है और न ही कुछ खत्म हो रहा है। बस कुछ लोग झूठी राजनीति में लगे हुए हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के समय में दो टूक कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा की सरकार न तो आरक्षण हटाएगी और न ही संविधान से सेक्युलर शब्द हटाएगी। अपना नामांकन दाखिल करने के बाद एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ऐसे आरोप लगाकर देशवासियों को गुमराह कर रही है।

अमित शाह ने कहा कि यदि हमें संविधान बदलना होता तो पिछले 10 सालों से हमारे पास बहुमत है और दस सालों में ऐसा कभी भी नहीं हुआ तो आगे भी नहीं होगा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बहुमत का इस्तेमाल अनुच्छेद 370 हटाने में, नागरिकता संशोधन कानून लाने में, तीन तलाक समाप्त करने में किया है।

वहीं, संविधान से पंथनिरपेक्ष (सेक्युलर) शब्द हटाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, “सेक्युलर शब्द हटाने की हमें कोई जरूरत नहीं है। इस देश को पंथनिरपेक्ष बनाने का सबसे बड़ा आग्रह बीजेपी का है। इसीलिए हम समान नागरिक संहिता (UCC) ला रहे हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा, “वो (कांग्रेस) देश को शरिया के नाम पर चलाना चाहती है, इसलिए उन्हें सेक्युलर बनने की जरूरत है, हमें नहीं।” शाह ने कहा कि हम तो कह रहे हैं कि इस देश का संविधान धर्म के आधार पर होना चाहिए।

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