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क्या है 21 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय

ByLuv Kush

मई 21, 2024
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हिंदू पंचांग के अनुसार आज शुभ और अशुभ घड़ी क्या है।राहुकाल में कोई भी शुभ कार्य करने से कैसे बचना चाहिए आइए जानते हैं।

आज का पंचांग – 21 मई 2024 मंगलवार वैशाख शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि है. हिन्दू पंचांग के अनुसार आज चित्रा नक्षत्र है. चित्रा नक्षत्र भारतीय ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है. यह नक्षत्र, ज्योतिष के अनुसार, विशेष गुण और विशेषताएं रखता है. चित्रा नक्षत्र का स्वामी मंगल (मंगल ग्रह) होता है और यह कन्या और तुला राशियों में स्थित होता है. इस नक्षत्र के देवता ‘त्वष्टा’ हैं, जो सृजन के देवता माने जाते हैं. त्वष्टा को देवताओं का कारीगर कहा जाता है और वे सौंदर्य और कला के संरक्षक माने जाते हैं. चित्रा नक्षत्र में जन्मे लोग प्रायः आकर्षक, ऊर्जावान और रचनात्मक होते हैं. उनकी विचारशीलता और कल्पनाशक्ति अद्वितीय होती है. इस नक्षत्र से जुड़े विशेष मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. त्वष्टा देवता की पूजा और ध्यान करने से मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। मंगलवार के दिन लाल वस्त्र, मसूर दाल, या तांबे के बर्तन का दान करना शुभ होता है।

आज का पंचांग

तिथि- त्रयोदशी – 17:41:38 तक

नक्षत्र- चित्रा – 05:46:38 तक

करण- तैतिल – 17:41:38 तक

पक्ष- शुक्ल

योग- व्यतीपात – 12:34:48 तक

वार- मंगलवार

शुभ समय (शुभ मुहूर्त)

अभिजीत- 11:50:27 से 12:45:13 तक

दिशा शूल- उत्तर

अशुभ समय (अशुभ मुहूर्त)

दुष्टमुहूर्त- 08:11:19 से 09:06:06 तक

कुलिक- 13:40:00 से 14:34:47 तक

कंटक- 06:21:45 से 07:16:32 तक

राहु काल- 15:43:16 से 17:25:59 तक

कालवेला / अर्द्धयाम- 08:11:19 से 09:06:06 तक

यमघण्ट- 10:00:53 से 10:55:40 तक

यमगण्ड- 08:52:24 से 10:35:07 तक

गुलिक काल- 12:17:50 से 14:00:33 तक

सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएं

सूर्योदय- 05:26:58

सूर्यास्त- 19:08:41

चन्द्र राशि- तुला

चन्द्रोदय- 17:11:59

चन्द्रास्त- 28:15:59

ऋतु- ग्रीष्म

हिन्दू मास एवं वर्ष

शक सम्वत- 1946   क्रोधी

विक्रम सम्वत- 2081

काली सम्वत- 5125

प्रविष्टे / गत्ते- 8

मास पूर्णिमांत- वैशाख

मास अमांत- वैशाख

दिन काल- 13:41:43

हिंदू पंचांग का उपयोग धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए मुहूर्तों का चयन, उत्सवों के तारीखों का निर्धारण, शुभ कार्यों के लिए समय निर्धारण, ग्रहण और सूर्यग्रहण की तारीखों का निर्धारण, और धार्मिक त्योहारों के महत्वपूर्ण तिथियों के लिए किया जाता है।


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