कल है वट सावित्री पूजा व्रत, पूजन सामग्री की बढ़ी बिक्री

DevotionBhaktiDharm
Google news

भागलपुर : वट सावित्री व्रत को लेकर बाजार में पूजन सामग्री की बिक्री बढ़ गयी है। सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए छह जून गुरुवार को व्रत रखेंगी। लोहिया पुल, तिलकामांझी आदि जगहों पर डलिया, बांस के पंखे की बिक्री बढ़ गयी है। जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि वट सावित्री के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

वट सावित्री पूजा एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जिसे विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह पूजा ज्येष्ठ मास (मई-जून) की अमावस्या को की जाती है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और वट (बड़) वृक्ष की पूजा करती हैं। वट वृक्ष को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है और सावित्री की कथा इस पूजा से जुड़ी हुई है।

वट सावित्री पूजा की विधि:

1. **व्रत और स्नान:** सुबह-सवेरे स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

2. **वट वृक्ष की पूजा:** वट वृक्ष के पास जाकर उसे जल से सींचें और सूत या धागे से उसकी परिक्रमा करें।

3. **पूजन सामग्री:** रोली, मौली, कच्चा दूध, फल, मिठाई, और पंचामृत से वट वृक्ष का पूजन करें।

4. **कथा वाचन:** सावित्री-सत्यवान की कथा का वाचन करें या सुनें।

5. **आरती और प्रसाद वितरण:** पूजा के बाद वट वृक्ष की आरती करें और प्रसाद बांटें।

सावित्री-सत्यवान की कथा:

सावित्री एक पवित्र और समर्पित पत्नी थी जिसने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे। इस पूजा के द्वारा महिलाएं सावित्री की तरह अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

वट सावित्री पूजा महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती और उनके सुखी जीवन की कामना को प्रकट करता है।

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Adblock Detected!

हमें विज्ञापन दिखाने की आज्ञा दें।