डोडा में आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन के दौरान कुछ टीमें देर रात एक स्कूल में आराम कर रही थी। जबकि दूसरी टीमों ने मोर्चा संभाल रखा था। तभी टीम पर आतंकियों ने ग्रेनेड फेंके हैं।
जम्मू-कश्मीर के डोडा इलाके में बीते कई दिनों से भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। घने जंगल और दुर्गम इलाके में जारी आतंकियों के खिलाफ जारी इस ऑपरेशन में अब तक सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो चुके हैं। अब एक बार फिर से इस इलाके से बुरी खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, आतंकियों की ओर से किए गए ग्रेनेड हमले में सेना के दो जवान घायल हो गए हैं। आइए जानते हैं इस हमले के बारे में सबकुछ।
कैसे हुआ हमला?
दरअसल, बीते कई दिनों से भारतीय सेना चारों तरफ से आतंकियों को घेरने की तलाश में जुटी हुई है। इसी दौरान रात होने के बाद करीब 11 बजे कॉर्डन लगाकर भारतीय सेना की कुछ टीम डोडा के कश्ती गढ़ इलाके के एक स्कूल में आराम कर रही थी। बाकी टीमों ने पोजीशन संभाल रखी थी। इसी दौरान आतंकी आए और उन्होंने स्कूल के अंदर ग्रेनेड से हमला कर दिया। इस हमले में सेना के दो जवान घायल हो गए हैं।
1 हफ्ते से नीचे नहीं आए जवान
भारतीय सेना के जवाब ऑपरेशन के दौरान टेंट लगाकर या खुले इलाके में एम्बुश या फिर अलग अलग जगहों पर तैनात हैं। जवाब पिछले 1 हफ्ते से नीचे नहीं उतरे हैं। इसी वजह से जो इमारत दिखती है उस इमारत को देखते हुए वो उसमें रुक रहे थे ताकि इसे टैक्टिकल हॉल्ट के तौर पर देखा जाए।
विदेशी मूल के आतंकवादी?
विशेषज्ञों का मानना है कि डोडा में हमलावर विदेशी मूल के आतंकवादी हो सकते हैं। इन आतंकवादियों को जंगल ट्रेनिंग व सैनिकों के चेहरों को निशाना बनाने की ट्रेनिंग दी गई है। ये आतंकवादी जम्मू क्षेत्र के घने जंगलों में छिपे हैं। दूसरा इन सभी आतंकवादियों को घने जंगलों में छिपने, घात लगाने और सैनिकों के चेहरे को निशाना बनाने की ट्रेनिंग दी गई है।
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